स्वच्छता सेवक पंजीकरण योजना
शून्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के उद्देश्य से ‘‘स्वच्छता सेवकों’’ को सहायता देने की पहल
स्वच्छता सेवक कौन है?
स्वच्छता सेवक से तात्पर्य उन काबाड़ी वालें एवं उनके स्वनियुक्त कचरेवालों से है जो कि राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के सिद्धान्तों के अन्तर्गत मौन रूप से अत्यन्त ही कठिन आर्थिक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य प्रबंनधन के पुनीत कार्य में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं।
स्वच्छता सेवकों का योगदान
एक अनुभाग के अनुसार देश मेंं जनित पुनर्चक्रण योग्य ठोस अपशिष्ट का एक तिहाई भाग स्वच्छता सेवकों के बहुमूल्य योगदान से पुनर्चक्रण उद्योगों तक पहुँचता है। इस कार्य हेतु स्वच्छता सेवकों का योगदान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अत्यन्त आवश्यक एवं अपरिहार्य है। आज इन स्वच्छता सेवकों को संगठित सेक्टर के रूप में विकसित किये जाये की आवश्कयता है।
कुछ विचारणीय आंकड़ें
समस्यायेंः-
कचरावाला
- घरों व अन्य उत्पादकों तक पहुँच न होना।
- लैण्डफिल अथवा कूड़े के ढेर से कचरे का एकत्रीकरण।
- कचरे के एकत्रण हेतू टूल इत्यादि का न होना।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्यायें।
- मिश्रित कचरे से पुनर्चक्रण योग्य कचरे को छांटकर एकत्र करने की श्रमसाथ्य प्रक्रिया।
- अल्प आय।
- अन्य कचरेवालों से सम्पर्क का अभाव जिससे सही भाव नहीं मिल पाता है।
कबाड़ीवाला
- घरों व अन्य उत्पादकों तक श्रमसाध्य फेरी लगाकर पहुँच।
- कार्यकारी पूँजी का अभाव।
- अशिक्षा एवं क्षमता विहीनता।
- पुनर्चक्रण योग्य अपशिष्ट की उपलब्धता की जानकारी न होना।
- अन्य कबाड़ीवालों से सम्पर्क न होना।
- थोक उत्पादकों तक सीधी पहुँच न होना।
- अल्प आय।