पर्यावरण प्रहरी पंजीकरण फॉर्म
उद्देश्यः- राज्य के नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण की चेतना के विकास के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण विधियों एवं नियमावलियों के पालन के सचेतक एवं प्रहरी के रूप में विकसित किया जाना।
लक्षित समूहः- सामान्य जागरूक नागरिक, विद्यार्थीगण, शिक्षक एवं जागरूक कर्मचारी।
कार्यक्रम की रूपरेखाः- इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से इच्छुक लक्षित समूहों के गुप को उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कार्यक्रम में पर्यावरण क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों आदि के द्वारा ‘‘एक दिवसीय प्रशिक्षण’’ करवाया जायेगा, जिसमें मुख्य रूप से निम्न बिन्दुओं को सम्मिलित किया जायेगाः-
- सरल एवं रोचक विधियों से पर्यावरण संबंधी नियमों की जानकारी।
- पर्यावरण अनुपालन की स्थिति ज्ञात किये जाने सरलतम मानक एवं उनकी जांच।
- प्रदूषण स्तर को ज्ञात किये जाने की सरल तकनीकें।
- पर्यावरण संबंधी सतत आंकड़ों की सहज उपलब्धता एवं अवलोकन।
- पर्यावरण अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही।
- पर्यावरण अनुपालन हेतु सक्रिय सचेतक कैंसे बनें एवं सचेतक की भूमिका।
पर्यावरण प्रहरी क्यों बनेंः-
- नागरिकों का अपने संवैधानिक मौलिक कर्तव्यों के प्रति राष्ट्र को समर्पण होगा।
- पर्यावरण संरक्षण में सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी।
- स्वचेतना का विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये कुछ बेहतर योगदान कर पाने की आत्म संतुष्टि।
- राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप सतत एवं समन्वित विकास कार्यक्रम में प्रदेश की अग्रणी भूमिका होगी।
- स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण के निर्माण में योगदान होगा।
- पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य अनुभव प्राप्त होगा।
- पर्यावरण प्रहरी के रूप में विकसित होने पर पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता के अवसर प्राप्त होगे।
- पर्यावरण प्रहरी के रूप में प्रशिक्षित होने पर प्रमाण-पत्र होगा।
- पर्यावरण प्रहरी के योगदान के आधार पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रर्यावरण प्रहरियों को पुरूस्कृत किया जायेगा।
पर्यावरण प्रहरी कैसे बनेः-
- उ0प्र0 प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की वेब-साइट पर पंजीकरण करें।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम जो कि समय-समय आयोजित किये जोयेंगे, की सूचना ई-मूल एस.एम.एस. के द्वारा प्रेषित की जायेगी।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर प्रशिक्षण एवं प्रमाण-पत्र प्राप्त करें।
- पर्यावरण प्रहरी के रूप में प्रशिक्षित हो जाने के उपरान्त पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रमों में सचेतक/संयोजक के रूप में योगदान दे सकते है।